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** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *

Saturday, September 29, 2012

मेरे सनम




 तन्हाईयो में भी तेरी ही यादों का मेला रहता है ,

 ख्वाबो में बस एक तेरा ही अक्स समाया रहता है,

  तेरी नजरों की गुफ्तगू ने मदहोश किया इस  कदर  ,

   अब तो खामोशियों में भी तेरा ही जिक्र समाया रहता है।।


Wednesday, September 26, 2012

शबनम का कतरा


Dedicated to my daughter ---@ Aishwarya Agawal  jise maine bina ek boond anshu bahaye  hostel jane ka farman suna diya or wo hasti ankho or rote huye dil se chali gayi  ..jisne mere mann ko ahat kar diya . ..  :-(

आँसू  का वो कतरा
छलक जाने दिया होता
गम जो थे दिल में 
बह जाने दिया होता

लब थे सिले हुए
खुलने तो दिया होता
सिसकी तो थम गयी थी 
आहें तो भरने देते 

दिल में मचलते अरमां
जगाने तो दिया होता
नजरें तो थी झुकी 
सीधी तो करने देते

ना पूरी करते चाहत
कहने तो दिया होता
शबनम का वो कतरा
छलक जाने दिया होता


Tuesday, September 25, 2012

मौन निमंत्रण


आओ आज फिर मिल बैठे ,तुम और हम ,
मेरे अंतर्मन ........
कुछ तुम्हारी सुने कुछ अपनी कहे ,
 बहुत दिन हुए ...तुमसे मिले
सिमट गए तुम कही किसी कोने में
आतुर ..भयभीत ..उपेक्षित ...तिरस्कृत ...

भूल गयी थी .........
तुम्हारी इच्छाएं ..अभिलाषाएं
दफ़न हो गयी थी  ,जगत समुन्दर में
विवश्ताओ की भेट चढ़ा दिए थे तुम 
रिश्तों की खातिर 

मूक आँखों से हर जख्म पीते गए
 जीते गए ...बस जीते गए ..
हाँ ......है ये मेरा ही  स्वार्थ
आज  फुर्सत के चंद  लम्हों में
किया तुझे याद ....


आहत,व्यथित,विवश,रिश्तों से ठगी 
भेज रही हूँ प्रेम सन्देश ..
मेरे अंतर्मन ...
स्वीकार  करो .. मौन निमंत्रण 
आओ आज मिल बैठे
तुम ...और ....हम  !



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