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** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *

Thursday, June 23, 2016

क्षणिकाएँ -जिंदगी


क्षणिकाएँ -जिंदगी
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१)
जद्दोजहद
कभी खुद से
कभी तुझसे
जारी है
ऐ जिंदगी !
एक दाँव और लगा लूँ
तो चलूँ !

*******
२)
होती रही
रूह की
रस्मो रिवाजो से मुलाकात
और मैं
सोती रही !
**********

3)
ठगते रहे
एक दूजे को हम
कभी वो जीते
कभी मैं
दोनों खुश है
भ्रम  जीते हैं
मैं
और
मेरी जिंदगी !
**********
४)
जिंदगी
तुझे खूब लूटा  मैंने
लम्हा -लम्हा
घूँट -घूँट
पिया मैंने !
*********
हेलो जिंदगी
तुझसे हैं रु -बा-रु
ले चल जहाँ !
*********

Sunday, June 19, 2016

तेरी पायल तेरी चूड़ी


आज पतिदेव जी के  किसी  फेस बुक ग्रुप के लिए लिखी ये रचना जिसका विषय था चूड़ी / पायल / बिंदी
आशा  है वहाँ  सभी को पसंद आएगी  .. आपको को कैसी लगी :)


तेरी पायल तेरी चूड़ी 
सुनाती राग जीवन का तेरी पायल तेरी चूड़ी ,
कराती प्रीत का एहसास तेरी पायल तेरी चूड़ी ,
कहे बंधन जग इनको ये बड़ी भूल है उनकी, 
मेरी धड़कन में बसती  है तेरी पायल तेरी चूड़ी । 

Saturday, June 18, 2016

आखिरी निशानी



जान से ज्यादा सम्हाल रखा है
 मोहब्बत की वो आखिरी निशानी
वो तेरे फेंके पत्थर और टुकड़े मेरे दिल के
उतनी ही मोहब्बत है उनसे जितनी तुमसे । 
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