लाडो चली है साजन से मिलने
मन में भरे है उमंग और सपने
सपनो का उसका साजन सजीला
बनाएंगे वो प्रीत का घर
काँधे से कांधा मिला
साजन के घर मे होगी
ममता की फुलवारी
मगन हो कर उसमें
भूलेगी बाबुल लाड़ी
नाजाँ पली मेरी लाडो
है थोड़ी भोली भाली
नादानी माफ़ करना
अब है ये बेटी थारी ।
जी बहुत बहुत आभार
ReplyDeleteबहुत प्यारी👍
ReplyDeleteशुक्रिया 🙏
Deleteबहुत ही सुन्दर गीत बिटिया को शुभकामनाएं
ReplyDeleteधन्यवाद 🙏
Deleteसुंदर रचना। बेटी को शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद 🙏
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद 🙏
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