Friday, May 24, 2013

दर्द के नग्मे



ना सुना दर्द के नग्मे हमे 

जिन्द्गी अब रास आती नही 

मौत कहे तु चल मेरे सँग 

पर शर्त है एक बार मुस्कराने की

4 comments:

  1. वाह !! एक अलग अंदाज़ कि रचना ......बहुत खूब

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  2. कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
    वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
    डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो NO करें ..सेव करें ..बस हो गया .

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    1. @sanjay ji margdarasan ke liye haardik aabhar .. sahi sujhaw diya hai apne maine turant hi is par amal kiya .. thnx again :)

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