Tuesday, September 17, 2013

रहम करो



मूक अंखियो की तुम  ये गुहार सुन लो
हम में भी जाँ  है ...हमे जीने का अधिकार दो
रहम करो ..रहम करो ....अब तो हम पर रहम करो

अपने जिगर के टुकडे  गर कही खो जाते है
एक सुई उन्हें चुभती तो दर्द तुम्हे तडपाते  है
सोचो क्या हाल होता  है मेरे लख्ते जिगर  का
छुरी गले पर जब चलती जेब तुम्हारी  भरती है
मेरे लहू का हर कतरा उनकी आँखों से छलकता है

 रहम करो ..रहम करो ....अब तो हम पर रहम करो

हम पंछी उन्मुक्त गगन के उड़ते अपनी धुन में
जिसने बनाया तुमको इंसाँ हम भी उनके बेटे
सांसो की सरगम बजती है प्यारे से इस दिल में
हमने भी ममता से सींचा है अपना चमन ये

मेरे घर का आँगन तुम क्यों सूना कर जाते हो
रहम करो ..रहम करो ....अब तो हम पर रहम करो

ओ रहमदिल कहलाने वालो फ़रियाद हमारी सुनलो
अपने सुख की खातिर यूँ न मेरी दुनिया लूटो 

इंसा होकर तुम तो  केवल  हिंसा को अपनाते हो
तुमसे भले हम  बेजुबान है प्रेम पे जान लुटाते है
सृष्टी चक्र  खंडित कर तुम क्या खुद जिन्दा रह पाओगे 
रहम करो ..रहम करो ....अब तो हम पर रहम करो


** नेह  **

15 comments:

  1. वाह सुनीता जी बेहद शानदार अभिव्यक्ति एकदम सटीक एवं सुन्दर बहुत बहुत बधाई

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  2. बेह्तरीन अभिव्यक्ति बहुत खूब , शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन
    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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    1. हार्दिक आभार @मदन मोहन जी .. उत्साह वर्धन के liye

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  3. प्रकृति का मालिक बन करता,
    मनुष्य इससे मनमानी
    दूध, दही की नदियाँ कहाँ,
    अब तो नदियों मे नही पानी
    पशु पछी को मार रहे ये नादानी
    सूखा, बाढ़ और भूकंप ,
    अब प्रलय बाकी है आनी
    सुरेश राय

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    1. स्वागत ....बिलकुल सही खा आपने ..उत्तराखंड की घटना इसकी एक झलक मात्र है फिर भी इंसान सम्हाल नही रहा .... उत्साह वर्धक प्रतिक्रीया के लिए हर्दिक आभार :)

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  4. बहुत सुन्दर गवेषणात्मक पोस्ट।

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    1. आभार आदरणीय .... आपका आशीर्वाद बना रहे :)

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  5. बहुत सटीक और सार्थक भावपूर्ण रचना के लिए बधाई स्वीकार करे आप ऐसे ही अपनी लेखनी से समाज में जाग्रति फैलाते रहे यही मंगलकामना हैं

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    1. @नील सिंह जी ..स्वागत ... .... उत्साह वर्धक प्रतिक्रिया के लिए हर्दिक आभार :)

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  6. @दर्शन जी हार्दिक आभार ,..मेरी पोस्ट को शेयर करने के लिए .. गयी थी मैं सभी लिनक्स पर भी गयी उम्दा कार्य .. :)

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