एक नज़र ..चलते चलते
Friday, July 1, 2016
प्रीत को प्रीत ही रहने दो यारो ,
प्रीत को प्रीत ही रहने दो यारो ,
वफ़ा जफा का खेल ना कहो यारो ,
टूटना संवरना है रीत जीवन की ,
आँचल प्रीत का मैला न करो यारो ।
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