एक नज़र ..चलते चलते
Tuesday, February 14, 2017
ये सैलाब आँखों में जलता बहुत है
मिलने को तुमसे मचलता बहुत है
ये सैलाब आँखों में जलता बहुत है
ढुलके तो तुम पर ये कर दे न जाहिर
दिल पे इख्तियार अब भी तुम्हारा बहुत है
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