Wednesday, August 22, 2018

लाडो चली है साजन से मिलने

२०१५ मे बडी बिटिया की शादी के अवसर पर लिखी कुछ पंक्तियाँ

लाडो चली है साजन से मिलने
मन में भरे है उमंग और सपने

सपने में उसके साजन सजीला
बनाएंगे वो  प्रीत का घर काँधे से कांधा  मिला

प्रीत के घर में होगी भरी पुरी  फुलवारी
ममता की छाँव तले भूलेगी बाबुल लाड़ी

छोटी सी दुल्हन अंगना में डोलेगी
पायल गूंजेगी जैसे घंटी शिवाला में

नाजाँ  पली  लाडो मेरी है थोड़ी भोली भाली
नादानी माफ़ करना अब है ये बेटी थारी 


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