Saturday, February 9, 2013

गुमशुम नजर



जुबां  खामोश.... नजरें भी गुमशुम
पूछ रहे हो हाले -दिल
पढ़ लो तुम .. नैनो में अपनी
 छुपी है जिनमे दस्ताने दिल

हम भी वही ..तुम भी वही
चलो आज ये वादा  करले
चलेंगे यूँही  साथ  साथ हम
एक राह के हम अजनबी

फ़र्जे  मोहब्बत यूँ अदा करले लें
उम्र तमाम यूं गुजर कर लें
बेवफाई का दीपक जला के सनम
वफाओ के रिश्तों को रोशन  करें

ढालना न मुझको गीतों और नगमो में
ऐ  सनम प्यार का नजराना चाहू यही
सुना कर किस्से  मेरी बेवफाई का
प्रेम की  लौ\ यूँही दिल में जलाये रखना 


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