एक नज़र ..चलते चलते
.
** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *
Wednesday, March 11, 2015
जब कहीं कुछ नही होता
जब कहीं कुछ नही होता
एक शुन्य पसरा होता है
अनंत ,असीम
उस शून्य में भी कुछ होता है
सतत गतिशील
कुछ अस्फुट सी आवाजे
या कोई संगीत
निर्विकार भाव से
आस पास के वातावरण में
तलाशती ……
अपना अस्तित्व ।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment