एक नज़र ..चलते चलते
.
** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *
Wednesday, March 4, 2015
जीवन के रंग
अंबर ,धरती
फूल ,शूल,पल्लव
सिंधु ,अग्नि ,बादल
छू कर इन्द्रधनुष
रह जाता पारदर्शी ,बेरंग
जादूगर पवन
लुटाता प्रकृति पर
जीवन के रंग
क्या यही है --प्रेम ?
शायद यही है प्रेम ----
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