.

Wednesday, January 23, 2013
Saturday, January 19, 2013
Friday, January 18, 2013
शाश्वत प्रेम
बांसुरी बनूँ
तेरे होठो पे सजू
गीतों में ढलूँ
नैन हमारे
बसे ख्वाब तुम्हारे
है मनमानी /अतिक्रमण
कोमल साँसे
बांधे नाजुक रिश्ते
फिर से जी ले
नैना बाबले
शरमो हया भरे
झुके रहते
मन के घाव
बन गए नासूर
रिसते रहे
झूमे मनवा
सुन री ओ पुरवा
संग है पिया
मनमोहन
बड़ा है चित्तचोर
भोली ग्वालन
चालाक बड़ी
करे है पक्षपात
बांसुरी तेरी
कूकी कोयल
अमवा की डारी पे
छाया वसंत
शाश्वत प्रेम
राधामोहन युग्म
जग क्या जाने
Tuesday, January 15, 2013
Friday, January 4, 2013
Wednesday, January 2, 2013
Subscribe to:
Posts (Atom)