एक नज़र ..चलते चलते
.
** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *
Tuesday, February 14, 2017
ये सैलाब आँखों में जलता बहुत है
मिलने को तुमसे मचलता बहुत है
ये सैलाब आँखों में जलता बहुत है
ढुलके तो तुम पर ये कर दे न जाहिर
दिल पे इख्तियार अब भी तुम्हारा बहुत है
Friday, February 10, 2017
इन्तजार
इन्तजार की घड़ियां इतनी दुखदायी न थी ,
मिलन की आरजू इस कदर परायी न थी ,
ये कौन सी राह पर चल पड़ा ऐ !दिल बता ,
तन्हाईयों में भी इस कदर तन्हाई न थी ।
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