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** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *
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Sunday, December 20, 2015

सांता अंकल अब आ भी जाओ

बाल कविता लिखना थोड़ा कठिन कार्य है दिसम्बर २०१३ में एक छोटा सा प्रयास किया था मैंने बाल कविता लिखने का कितनी सफल हुयी हूँ ये तो आप सभी आदरणीय मित्रो एवं गुरुजनो की समालोचना ही बताएगी। यहाँ में आपके साथ इस कविता का विडिओ जो मैंने मेरे पुत्र सिद्धार्थ अग्रवाल की मदद से बनाया है साझा कर रही हूँ निःसंकोच त्रुटियाँ बता कर मेरा मार्गदर्शन करें  __/\__
यू ट्यूब  पर विडिओ का लिंक :-
https://www.youtube.com/watch?v=MJxT7SJLIjs

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सांता अंकल अब आ भी जाओ
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सांता अंकल अब आ भी जाओ
और न हमें इन्तजार करवाओ
विश की लिस्ट है लम्बी चौड़ी
जल्दी से आ कर ले जाओ |

मम्मी के लिए छुटियाँ लाना
पापा के लिए प्रमोशन लाना
भैया के लिए नौकरी लाना
छुटकी के लिए गुडिया लाना |

पिछले बरस जो बैग दिया था
उड़ने लगी है उसकी चिन्दियाँ
 फ्रेंड्स लाते हैं कार्टून वाले बैग्स
मुझको तुम सिंपल ही ला देना |

चाँद सितारे मुझको चिढाते
पर्वत नदियाँ मुझको बुलाते
परियो से भी मिलना मुझको
अपनी स्लेज में मुझे घुमाना |

सांता अंकल अब आ भी जाओ ---

sunita agrwal "neh "  dec.2013

video prasentation  19/12/2015

https://www.youtube.com/watch?v=MJxT7SJLIjs

Tuesday, August 4, 2015

चलो आज पुरानी धूल भरी गलियों में


चलो आज  पुरानी धूल भरी गलियों में

बचपन की पीठ पर धौल एक जमाये

अम्मा  के  पल्लू से पोंछे फिर हाथ
 आसमां को मुट्ठी में फिर बांध लाये

अब्बा का चश्मा  छुपा दे कहीं पर
आँखों  में उनकी सितारे भर आयें

उड़ाये पतंग फिर सपनो की डोर बाँध
आजादी का चलो जश्न यूँ  मनाये

नाचे बरसात में छई छपाक छई
कागज की कश्ती को छाता उढ़ाये

चुरा लाये मनीप्लांट पडोसी  के घर से
ख्वाहिशो की अपनी फेहरिस्त बनाये

सोया मोहल्ला एक पटाखा चलाये
चलो न   फिर से हम  बच्चे बन जाए







Saturday, January 25, 2014

चमन की शोभा

यू ट्यूब में इस कविता का विडियो देखे। .OR लाइक कमेंट कर के लेखिका का प्रोत्साहन बढ़ाये 
http://www.youtube.com/watch?v=jGb9Pakjy9I






हर फूल निराला होता है 

गुलशन को प्यारा होता है 

लाल नीला पिला गुलाबी 

चमन कि शोभा होता है 


कोई खूबसूरत होता है 



कोई जग को खुशबु देता है



औषधी बन जाता है कोई 

गुण तो सबमे होता है


 कोई प्रेम प्रतीक होता है

कोई शांति सूचक होता है

काँटों में खिल कर कोई

जीने का संदेसा देता है 


Tuesday, November 19, 2013

अप्पू एंड मनु इन मूवी हॉल


watch video presentation on you tube .. if like or dislike please leave a comment .. :)
http://www.youtube.com/watch?v=crVhn6hdqME






"हाथी " इस विषय को पढ़ कर मुझे एक घटना याद आ गयी ..मेरे बचपन की .. जब एशियाड गेम्स हुए थे इंडिया में दिल्ली में .. हमारी एक आंटी घुमने आई थी दिल्ली और यहाँ से एक प्यारा सा छोटा सा हाथी ले जाकर मेरे छोटे भाई को दिया था गिफ्ट में ..उसे वो हाथी बहुत पसंद आया .. उसे बहुत प्यार करता था वो ... उसी पर एक कविता लिखने की कोशिश की है ...

दिल्ली से आंटी थी आई
मनु के लिए अप्पू लायी

भोला भाला गोल मटोल
लम्बी सूंड और आंखे गोल

मनु अप्पू रहते साथ
चाहे दिन हो या हो रात

मनु की बातो का जवाब
सीटी बजा कर देते जनाब

तभी शहर में एक पिक्चर आई
"हाथी मेरे साथी " ने धूम मचाई

पापा ने भी टिकट मंगाई
अप्पू को भी ले गया भाई

कुर्सी पर बैठे  मनु जम कर
कंधे पे बैठ अप्पू देखे पिक्चर

जब जब हाथी परदे पर आता
सीटी बजा अप्पू शोर मचाता

अप्पू के तो मजे हो रहे
पर दर्शक सारे बोर हो रहे

किसी ने जाकर गार्ड बुलाया
मनु जी को डांट पिलाया

अब तो और भी बुरा हाल था
पीं पीं के साथ मनु रो रहा था

चारो ओर मचा तहलका
बंटाधार हुआ उस शो का

आखिर सबने हार मान ली
मनु जी की बात मान ली

पर साथ ये शर्त भी रख दी
शोर न करेंगे अब अप्पू जी

एक चोकलेट पर मनु हुए खुश
दर्शको भी अब हो गए खुश 


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