सुनो न बादल -
तुम आते रहना !!
मानवता का ह्रास देख कर
काल का निर्मम त्रास देख कर
पाषाण होते हृदय खंड पर
संवेदना की बौछारें बरसाते रहना
कि
शुष्क न हो हृदय की भावभूमि
पर दुःख में रोना ,पर सुख में हरियाना
भूल न जाएं रिश्तों को निभाना
करुणा धार बरसाते रहना
सुनो न बादल -
तुम आते रहना !!