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** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *

Tuesday, September 24, 2024

आकाश सी बेटियां

1)
"सुनो बेटियों"
सदियों से सुनती पढ़ती आई
स्त्री को होना चाहिए धरती के समान
सबका बोझ उठाने वाली
 सहनशीलता जिसका गुण हो प्रधान 
पर सुनो बेटियां 
मैं कहती हूं 
बनो तुम आकाश
धरती,मंगल,शनि ,
वृहस्पति ,बुध , 
 हों थोड़े थोड़े सभी तुम्हारे भीतर 
की धरती होना काफी नहीं आज की दुनिया में 
सहनशीलता की मात्रा इतनी ही हो कि 
जितने में बचा रहे आत्मविश्वास और स्वाभिमान ।
 2)
कृष्ण का आसरा मत देखना
कृष्ण होने के मायने बदल गए है 
अपनी पुकार को सिंहनाद में बदलने दो
तुम वो शक्ति हो 
जिसने देवो की भी रक्षा की है 
कभी दुर्गा बनकर कभी मेनका बनकर
तुम वो शक्ति हो जो  रौंदे जाने पर भी
नये जीवन की रचना करती है 
जैसे माटी कुम्हार की 
तुम वो शक्ति हो 
जब ललकारती हो प्रलय होता है 
याद रखो मौन रह जाना भी एक अपराध है ।

Thursday, September 5, 2024

रिश्तों का उपवन



शीत ..

ग्रीष्म ..
पतझड़..
मानसून..
वसंत ...
जरुरी है...
मौसम का बदलना
रिश्तो के उपवन में 
उर्वरता बनी रहती है
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Thursday, May 23, 2024

बिटिया की शादी में स्वरचित गीत



                                                             video credit "Sanidhya Goyal"


लाडो चली है साजन से मिलने 
मन में भरे है उमंग और सपने
सपनो का उसका साजन सजीला
बनाएंगे वो  प्रीत का घर
काँधे से कांधा  मिला
साजन  के घर मे होगी
ममता की फुलवारी
मगन हो कर उसमें
भूलेगी बाबुल लाड़ी
नाजाँ  पली  मेरी लाडो 
है थोड़ी भोली भाली
नादानी माफ़ करना
अब है ये बेटी थारी ।
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