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रेशम का धागा ,फेविकोल ,न हथकड़ियाँ
जोड़ रहे है दो कुटुंब दिल से दिल की लड़ियाँ
बड़े नसीबो से आई ये रात मुरादों वाली
चंदा सी लाडो मेरी बन गयी दुल्हनिया
सूरज न चंदा फिर जगमग है ये आँगन
इन्दर जैसा दूल्हा राजा लेने आया सजनिया
राम जानकी सी ये जोड़ी है बनायीं रब ने
देव पित्तर और सम्बन्धी दे रहे है बधाईयाँ
--सुनीता अग्रवाल "नेह "
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