२०१५ मे बडी बिटिया की शादी के अवसर पर लिखी कुछ पंक्तियाँ
लाडो चली है साजन से मिलने
मन में भरे है उमंग और सपने
सपने में उसके साजन सजीला
बनाएंगे वो प्रीत का घर काँधे से कांधा मिला
प्रीत के घर में होगी भरी पुरी फुलवारी
ममता की छाँव तले भूलेगी बाबुल लाड़ी
छोटी सी दुल्हन अंगना में डोलेगी
पायल गूंजेगी जैसे घंटी शिवाला में
नाजाँ पली लाडो मेरी है थोड़ी भोली भाली
नादानी माफ़ करना अब है ये बेटी थारी
लाडो चली है साजन से मिलने
मन में भरे है उमंग और सपने
सपने में उसके साजन सजीला
बनाएंगे वो प्रीत का घर काँधे से कांधा मिला
प्रीत के घर में होगी भरी पुरी फुलवारी
ममता की छाँव तले भूलेगी बाबुल लाड़ी
छोटी सी दुल्हन अंगना में डोलेगी
पायल गूंजेगी जैसे घंटी शिवाला में
नाजाँ पली लाडो मेरी है थोड़ी भोली भाली
नादानी माफ़ करना अब है ये बेटी थारी
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