तरसे नैना दिन रात अबकी होली में
रही पिया मिलन की आस अबकी होली में
रही पिया मिलन की आस अबकी होली में
साजन कर रहे लन्दन का दौरा
नेटवर्क बना मिलन बीच रोड़ा
मैं ठहरी निपट गवाँर
कोई लिख दो उनको तार अबकी होली में
नेटवर्क बना मिलन बीच रोड़ा
मैं ठहरी निपट गवाँर
कोई लिख दो उनको तार अबकी होली में
पड़ोसन हमारी बड़ी जालिम गुजरिया
मोरे सैया को रँगे भर पिचकारिया
ये रँग न मुझको भाये
कोई कह दो उसे समझाये अबकी होली में
मोरे सैया को रँगे भर पिचकारिया
ये रँग न मुझको भाये
कोई कह दो उसे समझाये अबकी होली में
मोहल्ले के चचा बिरज के वासी
कबर में पाँव उम्र है अस्सी
नाम है कृष्ण मुरारी
लगे राधा उसे हर नारी अबकी होली में
कबर में पाँव उम्र है अस्सी
नाम है कृष्ण मुरारी
लगे राधा उसे हर नारी अबकी होली में
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