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** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *

Saturday, June 18, 2016

आखिरी निशानी



जान से ज्यादा सम्हाल रखा है
 मोहब्बत की वो आखिरी निशानी
वो तेरे फेंके पत्थर और टुकड़े मेरे दिल के
उतनी ही मोहब्बत है उनसे जितनी तुमसे । 

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