लाडो चली है साजन से मिलने
मन में भरे है उमंग और सपने
सपनो का उसका साजन सजीला
बनाएंगे वो प्रीत का घर
काँधे से कांधा मिला
साजन के घर मे होगी
ममता की फुलवारी
मगन हो कर उसमें
भूलेगी बाबुल लाड़ी
नाजाँ पली मेरी लाडो
है थोड़ी भोली भाली
नादानी माफ़ करना
अब है ये बेटी थारी ।
9 comments:
जी बहुत बहुत आभार
बहुत प्यारी👍
बहुत ही सुन्दर गीत बिटिया को शुभकामनाएं
सुंदर रचना। बेटी को शुभकामनाएं ।
बहुत सुन्दर
शुक्रिया 🙏
धन्यवाद 🙏
हार्दिक धन्यवाद 🙏
हार्दिक धन्यवाद 🙏
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