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** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *

Friday, February 22, 2013

ये मजबूरी



है कैसी ये मजबूरी
तुम दिन को अगर रात कहो
रात कहते हम भी
गर दिन को  मैं कहु दिन
तुम नाराज हो जाते हो
दिखने लगते हो दुनिया के नक़्शे में
हर वो जगह जहाँ अभी रात है
और मान लेती हु मैं तुम्हारी बात
तुम्हारी खुशियों की खातिर
दिन को रात समझ खो जाती हु
खयालो में ,.. सजाने लगती हु सपने
पलकें बंद कर लेती हूँ
उस रात की अनुभूती  में

और तभी तुम चुटकी बजा देते हो
कहते हो "..पगली ..कहाँ खो गयी ..??
देखो कितना दिन निकल आया ..
और तुम अभी तक सो रहे हो ..!!!???

डाल  देते हो असमंजस में मुझे
क्या कहूँ अब ..दिन या रात ..???

पता है मुझे - तुम कभी सहमत न होगे मुझसे
मुझे ही हर बार झुकना है
इसी तरह .. आ  जायेगी साँझ
तब भी  ...दोनों होंगे सही
दोनों गलत ,,सहमत ,,असहमत
इसी तरह उलझे हुए ...

तुम रात को देखते .... और मैं ..??!!
तुम्हारी रातों को देखते हुए
दिन के इन्तजार  में .......


Sunday, February 17, 2013

कैनवास



जादुई तुली
भरने लगी रंग
सूने  कैनवास पर 

विविध न्यारे प्यारे
जीवन भरे
कभी फूलों से चुरा
कभी मौसम से ले  उधार
उभरने लगी तस्वीर मनचाही
निखरने लगा कैनवास
खेलता रहा रंगों से मनमाना\
खिलखिलाता रहा कैनवास
जैसे मासूम बच्चा
पहन नव परिधान
इतराता रहा जैसे
कोई नवोढ़ा कर सिंगार
लाल हरे नील पीले
रंगों की यारी
नित नए रूप में छाने लगी
खेल खेल में
जादू जो छाया श्वेत रंग का
हुआ दीवाना
इजहारे इश्क  में परवाने ने
डुबो कर खुद को श्वेत रंग में
जीवन भरे कैनवास को
प्रीत के रंग में रंग डाला



Thursday, February 14, 2013

saraswati vandana




बुद्धिदयिनी
श्वेत्वस्त्रावृता शारदे
हंसावाहिनी
कर दो उज्जवल
मेरा अंतर्मन भी

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 आम्र मंजरी
दूँ पुष्पांजलि माते
भर अंजुरी

************
वीणावादिनी
छेड़ तू सरगम
ज्ञानदायिनी
***********

Wednesday, February 13, 2013

haiku gulshan




जारी है जंग
मेघो की भानु संग
नभ प्रांगन


सर्द हवाएं
करती उपहास
क्षुब्ध  किरणे 


मुस्कान  तेरी
डस गयी बैरन
ये महंगाई 


प्रिये ...स्वागत
नवयुग तुम्हारा
कहे  युगांत

Saturday, February 9, 2013

गुमशुम नजर



जुबां  खामोश.... नजरें भी गुमशुम
पूछ रहे हो हाले -दिल
पढ़ लो तुम .. नैनो में अपनी
 छुपी है जिनमे दस्ताने दिल

हम भी वही ..तुम भी वही
चलो आज ये वादा  करले
चलेंगे यूँही  साथ  साथ हम
एक राह के हम अजनबी

फ़र्जे  मोहब्बत यूँ अदा करले लें
उम्र तमाम यूं गुजर कर लें
बेवफाई का दीपक जला के सनम
वफाओ के रिश्तों को रोशन  करें

ढालना न मुझको गीतों और नगमो में
ऐ  सनम प्यार का नजराना चाहू यही
सुना कर किस्से  मेरी बेवफाई का
प्रेम की  लौ\ यूँही दिल में जलाये रखना 


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