थम सी जाती है जिन्दगी
जब जब कहती हूँ तुम्हे
"ok ok .. जाओ जाओ u go byeeee......
कैसे कहूँ मेरी हर bye कहना चाहे ..
रुको न थोड़ी देर और ...
करो मुझसे बातें थोड़ी और
लगने लगा जाने क्यूँ
संवेदनाएं जमने सी लगी है
"formalities " का चल रहा दौर
चाहूँ खो दूँ खुद को फिर से
गुम हो जाऊ दुनिया की भीड़ में
घुल जाऊ हवाओ में धुआं बन के
"u r spacial " का वो अहसास
अब वजूद खोने लगा है .....
जानती हूँ तुम तक नही पहुचेगा
मेरा ये पैगाम शायद .....
फिर भी कर रही हूँ type
एक आस कहीं जिन्दा है मन में
शायद कभी किसी दिन
शाम को फुर्सत में fb on करते ही
एक unread notification ....
pop up हो जाये तुम्हारे desktop पे
और देख कर मेरा name
हो जाये नजरे इनायत तेरी
flashback में घूमते हुए
तुम पढो इसे और like कर दो
कुछ पुराने एहसासों की कद्र करते हुए
"nice " का एक " comment" "भी कर दो
अरे रे रे रे नही .... न अटको तुम यहाँ
नहीं चाहती .. फिर उमड़े तेरे जज्बात
और रुक जाये तेरे बढ़ते कदम
मैं तो चलती रहूंगी तेरे संग ...
तेरी परछाईं बन ...
चलो " off"यह पुरानी " post "
ok.. ok.. जाओ जाओ ..u goooo
tata byeee byeee ...go u goooo :)
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