जादुई तुली
भरने लगी रंग
सूने कैनवास पर
विविध न्यारे प्यारे
जीवन भरे
कभी फूलों से चुरा
कभी मौसम से ले उधार
उभरने लगी तस्वीर मनचाही
निखरने लगा कैनवास
खेलता रहा रंगों से मनमाना\
खिलखिलाता रहा कैनवास
जैसे मासूम बच्चा
पहन नव परिधान
इतराता रहा जैसे
कोई नवोढ़ा कर सिंगार
लाल हरे नील पीले
रंगों की यारी
नित नए रूप में छाने लगी
खेल खेल में
जादू जो छाया श्वेत रंग का
हुआ दीवाना
इजहारे इश्क में परवाने ने
डुबो कर खुद को श्वेत रंग में
जीवन भरे कैनवास को
प्रीत के रंग में रंग डाला
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