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** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *

Sunday, February 17, 2013

कैनवास



जादुई तुली
भरने लगी रंग
सूने  कैनवास पर 

विविध न्यारे प्यारे
जीवन भरे
कभी फूलों से चुरा
कभी मौसम से ले  उधार
उभरने लगी तस्वीर मनचाही
निखरने लगा कैनवास
खेलता रहा रंगों से मनमाना\
खिलखिलाता रहा कैनवास
जैसे मासूम बच्चा
पहन नव परिधान
इतराता रहा जैसे
कोई नवोढ़ा कर सिंगार
लाल हरे नील पीले
रंगों की यारी
नित नए रूप में छाने लगी
खेल खेल में
जादू जो छाया श्वेत रंग का
हुआ दीवाना
इजहारे इश्क  में परवाने ने
डुबो कर खुद को श्वेत रंग में
जीवन भरे कैनवास को
प्रीत के रंग में रंग डाला



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