http://www.youtube.com/watch?v=crVhn6hdqME
"हाथी " इस विषय को पढ़ कर मुझे एक घटना याद आ गयी ..मेरे बचपन की .. जब एशियाड गेम्स हुए थे इंडिया में दिल्ली में .. हमारी एक आंटी घुमने आई थी दिल्ली और यहाँ से एक प्यारा सा छोटा सा हाथी ले जाकर मेरे छोटे भाई को दिया था गिफ्ट में ..उसे वो हाथी बहुत पसंद आया .. उसे बहुत प्यार करता था वो ... उसी पर एक कविता लिखने की कोशिश की है ...
दिल्ली से आंटी थी आई
मनु के लिए अप्पू लायी
भोला भाला गोल मटोल
लम्बी सूंड और आंखे गोल
मनु अप्पू रहते साथ
चाहे दिन हो या हो रात
मनु की बातो का जवाब
सीटी बजा कर देते जनाब
तभी शहर में एक पिक्चर आई
"हाथी मेरे साथी " ने धूम मचाई
पापा ने भी टिकट मंगाई
अप्पू को भी ले गया भाई
कुर्सी पर बैठे मनु जम कर
कंधे पे बैठ अप्पू देखे पिक्चर
जब जब हाथी परदे पर आता
सीटी बजा अप्पू शोर मचाता
अप्पू के तो मजे हो रहे
पर दर्शक सारे बोर हो रहे
किसी ने जाकर गार्ड बुलाया
मनु जी को डांट पिलाया
अब तो और भी बुरा हाल था
पीं पीं के साथ मनु रो रहा था
चारो ओर मचा तहलका
बंटाधार हुआ उस शो का
आखिर सबने हार मान ली
मनु जी की बात मान ली
पर साथ ये शर्त भी रख दी
शोर न करेंगे अब अप्पू जी
एक चोकलेट पर मनु हुए खुश
दर्शको भी अब हो गए खुश
"हाथी " इस विषय को पढ़ कर मुझे एक घटना याद आ गयी ..मेरे बचपन की .. जब एशियाड गेम्स हुए थे इंडिया में दिल्ली में .. हमारी एक आंटी घुमने आई थी दिल्ली और यहाँ से एक प्यारा सा छोटा सा हाथी ले जाकर मेरे छोटे भाई को दिया था गिफ्ट में ..उसे वो हाथी बहुत पसंद आया .. उसे बहुत प्यार करता था वो ... उसी पर एक कविता लिखने की कोशिश की है ...
दिल्ली से आंटी थी आई
मनु के लिए अप्पू लायी
भोला भाला गोल मटोल
लम्बी सूंड और आंखे गोल
मनु अप्पू रहते साथ
चाहे दिन हो या हो रात
मनु की बातो का जवाब
सीटी बजा कर देते जनाब
तभी शहर में एक पिक्चर आई
"हाथी मेरे साथी " ने धूम मचाई
पापा ने भी टिकट मंगाई
अप्पू को भी ले गया भाई
कुर्सी पर बैठे मनु जम कर
कंधे पे बैठ अप्पू देखे पिक्चर
जब जब हाथी परदे पर आता
सीटी बजा अप्पू शोर मचाता
अप्पू के तो मजे हो रहे
पर दर्शक सारे बोर हो रहे
किसी ने जाकर गार्ड बुलाया
मनु जी को डांट पिलाया
अब तो और भी बुरा हाल था
पीं पीं के साथ मनु रो रहा था
चारो ओर मचा तहलका
बंटाधार हुआ उस शो का
आखिर सबने हार मान ली
मनु जी की बात मान ली
पर साथ ये शर्त भी रख दी
शोर न करेंगे अब अप्पू जी
एक चोकलेट पर मनु हुए खुश
दर्शको भी अब हो गए खुश
दिल्ली से आंटी थी आई
मनु के लिए अप्पू लायी
भोला भाला गोल मटोल
लम्बी सूंड और आंखे गोल
मनु अप्पू रहते साथ
चाहे दिन हो या हो रात
मनु की बातो का जवाब
सीटी बजा कर देते जनाब
तभी शहर में एक पिक्चर आई
"हाथी मेरे साथी " ने धूम मचाई
पापा ने भी टिकट मंगाई
अप्पू को भी ले गया भाई
कुर्सी पर बैठे मनु जम कर
कंधे पे बैठ अप्पू देखे पिक्चर
जब जब हाथी परदे पर आता
सीटी बजा अप्पू शोर मचाता
अप्पू के तो मजे हो रहे
पर दर्शक सारे बोर हो रहे
किसी ने जाकर गार्ड बुलाया
मनु जी को डांट पिलाया
अब तो और भी बुरा हाल था
पीं पीं के साथ मनु रो रहा था
चारो ओर मचा तहलका
बंटाधार हुआ उस शो का
आखिर सबने हार मान ली
मनु जी की बात मान ली
पर साथ ये शर्त भी रख दी
शोर न करेंगे अब अप्पू जी
एक चोकलेट पर मनु हुए खुश
दर्शको भी अब हो गए खुश
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