.

.
** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *

Tuesday, February 14, 2017

ये सैलाब आँखों में जलता बहुत है


मिलने को तुमसे मचलता बहुत है 
ये सैलाब आँखों में जलता बहुत है 

ढुलके तो तुम पर ये कर दे न जाहिर 
दिल पे इख्तियार अब भी तुम्हारा बहुत है 

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...