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** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *

Monday, July 30, 2018

जोड़ रहे हैं दो कुटुंब दिल से दिल की लड़ियाँ

मौका था भतीजी की शादी का फरमाईश थी परिजनों की तो इस उत्साह भरे माहौल में कोशिश की स्वरचित कुछ  गुनगुनाने की :)

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रेशम का धागा ,फेविकोल ,न हथकड़ियाँ 

जोड़ रहे है दो कुटुंब दिल से दिल की लड़ियाँ  

बड़े नसीबो से आई ये रात मुरादों वाली 
चंदा सी लाडो मेरी बन गयी दुल्हनिया 

सूरज न चंदा फिर जगमग है ये आँगन 
इन्दर जैसा दूल्हा राजा  लेने आया सजनिया 

राम जानकी सी ये जोड़ी है बनायीं रब ने 
देव पित्तर और सम्बन्धी दे रहे है बधाईयाँ 
                           --सुनीता अग्रवाल "नेह "

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