एक नज़र ..चलते चलते
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** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *
Thursday, May 28, 2015
बादल उत्पाती
क्षणिका
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ओ हवाओ
अब तो गति लो
बादल उत्पाती
चले गाँव पिया के
मोड़ दो रुख
दे दो पता
मेरे घर का
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