एक नज़र ..चलते चलते
.
** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *
Wednesday, January 2, 2013
haiku
निहारे सूर्य
कोहरे की चादर
हुआ मायूस
सूरज सोया
ओढ़ मोती रजाई
खवाबों में खोया
झीनी चादर
देती गरमाहट
आकाश तले
एक कैंडल
न्याय ..सद्भाव हेतु
जलाना तुम
गुजरे लम्हे
बिखेरते मुस्कान
लबों पे मेरे
गुजरे लम्हे
बने हमकदम
तन्हा सफ़र
गुजरे लम्हे
बनते हमराज़
तन्हा रातो में
2 comments:
pinks said...
Bahut hi sunder
January 4, 2013 at 5:58 PM
pinks said...
Meri sangat ka asar hai..
January 4, 2013 at 6:04 PM
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2 comments:
Bahut hi sunder
Meri sangat ka asar hai..
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